नम्स्कार अन्मोल, मनोविज्ञता की छात्रा व स्वाभाविक मनोविज्यान की उत्साही होने के कारण मिझे आपका निबंध अत्यंत रोचक प्रतीत हुआ। हलाकि मेरा यह आशा है कि आपकी रचना अधिक लंबी व बहुश्रमसिद्ध हो, मैं इसमे बहुमूल्य रूप से दिलचस्पी लेती हूँ क्योंकि यह बी.एफ. स्किनर से संबंधित है, जोकि ऐवन पॉवलोव के अतिरिक्त मनोविज्यान में व्यावहारिक्ता के पथ प्रदर्शक रहें हैं। परंतु यदि आपने बी.एफ.स्किनर द्वारा व्यावहारिकता के क्षेत्र में योजित अध्ययन- "ऑपरेंट" अनुकूलन का अधिक विस्तार किया होता, तो आप इस अध्यायित क्षेत्र के प्रति न्यायी सिद्ध होते। इसी प्रकार, यह मेरी आशा है कि आप "स्किनर बॉक्स" व इस परीक्षण से संबंधित सारी प्रक्रियाओं को स्पष्ट करें। यह निबंध अधिक्तर रूप से रोचक बन जाता यदि आपने लोकप्रिय संस्कृति यानि "पॉप्यूलर कल्चर" में व्यवहारिक्ता व स्किनर के प्रभाव को प्रकाशित किया होता, जैसे कि, अंग्रेज़ी टेलेविज़न प्रोग्राम "सिंप्सन्स" में पेश प्रधानाचार्य "स्किनर" के सन्दर्भ लेते हुए यह कहा जा सकता है कि, उन्का स्वभाव वास्तविक बी.एफ.किनर से जुडती है। सर्वोपरि मैं यह कहना चाहती हूँ कि मैंने आपकी कृति को पढ़ते अत्यंत आनद लिया।

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