मेरे बारे में:

मेरा नाम संजना राजमोहन है। मैं १९ साल की हूँ। मैं अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई इतिहास, राजनीतिक विज्ञान और अंग्रेज़ी साहित्य के विषयों में कर रही हूँ। मैं केरल से हूँ लेकिन बेंगलूरू में ही पली -बड़ी हूँ। केंन्द्रीय विद्यालयों में अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के वजह से मुझे देश के अलग - अलग राज्यों से आए सहपाठियों से मिलने का मौका मिला,नई भाषाओँ और जीवन शैलियों से परिचित होने का मौका मिला। मैं एक रचनात्मक व्यक्ति हूँ।मैं एक उत्सुक पाठक और एक अच्छी वक्ता हूँ।  

मेरे माता - पिता के बारे में:

मेरी माँ एक प्राथमिक शिक्षिका हैं। मेरे पिताजी एल.आई.सी में प्रभागीय अधिकारी थे।

ज़िन्दगी के प्र्ति मेरे खयाल: मैं जीवन के हर पेहलू को समान दृष्टि से देखने की कोशिश करती हूँ और हर नए दिन से कुछ सीखने का प्रयास करती हूँ।

मेरी सफलताए: १५ वर्ष के आयु में मैंने बच्चों कि पत्रिकाओं मैं लिखना और संपादन करना शुरु किया। मैं अपने खाली समय में योगाभ्यास करती हूँ, नहीं तो, ध्यान लगाने की कोशिश। भाई - बहन न होने के वजह से, मुझे न केवल शैक्षिक स्तर पर बढ़ने की जगह मिली बल्की बौधिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी आगे बढ़ने का मौका मिला। मैं सक्रिय रूप से साहित्यिक, कला, और नाट्यकला कार्यक्रमों में भाग लेती हूँ। मैंने ५ वर्ष के आयु मे करनाटक संगीत सीखना शुरु किया और विभिन्न स्तरों में इस कला का प्रदर्शन कर पाई हूँ। मुझे वाद - विवाद, रचनात्मक लेखन, सुलेख लेखन, गीत, कला, निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार मिले हैं। मैं अपनी सफ़लता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देती हूँ क्योंकी उन्होंने मुझे हर समय आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

मेरे लक्ष्य: मैं बड़ी होकर देश के शिक्षा क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहती हूँ। अपने लिए सपने देखने के साथ-साथ मैंने अपने देश के लिए भी कई सपने देखे हैं। मैं आशा करती हूँ कि मैं उन सारे सपनो को पूरा कर सकूं।